दिल्ली की दौड़ हुई खत्म, देहरादून में आज से शुरू हुई आयकर वादों की सुनवाई
आयकर से जुड़े वादों के निपटारे के लिए अब दून से दिल्ली की दौड़ खत्म हो गई है। देहरादून में आज से आयकर से जुड़े वादों की सुनवाई शुरू हो गई है। इसके लिए इनकम टैक्स अपीलेंट ट्रिब्यूनल (आईटीएटी) ने दून में सर्किट बेंच स्थापित की है, जिसका शुभारंभ केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद, जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया। 
 

उन्होंने कहा की 30 नवंबर के बाद आयकर अधिकारी की तरफ से किसी को भी नोटिस नहीं भेजा जाएगा। इसके बाद से केवल डिजिटल नोटिस भेजे जाएंगे। नागरिकता संशोधन कानून पर उन्होंने कहा कि सरकार वार्ता के लिए हमेशा तैयार है, लेकिन सरकार अपने कदम पीछे नहीं खींचेगी। 

आईटीएटी के प्रेसीडेंट जस्टिस पीपी भट्ट और वाइस प्रेसीडेंट जीएस पन्नू ने बताया कि 50 लाख से कम के वादों की सुनवाई सिंगल बेंच और इससे ऊपर के वादों की सुनवाई डबल बेंच करेगी।

सर्किट बेंच का ऑफिस जोगीवाला स्थित बद्रीपुर रोड में उत्तराखंड शुगर के परिसर में खोला गया है। उत्तराखंड से जुड़ी करीब 900 अपील के सभी दस्तावेज दिल्ली से इसी ऑफिस में मंगा लिए गए हैं। अभी तक प्रदेशभर से आयकर वादों की सुनवाई दिल्ली में होती थी। इसके लिए करदाताओं के अधिवक्ता/सीए को अब दिल्ली के चक्कर काटने पड़ते थे।


फिलहाल महीने में पांच दिन चलेगी ट्रिब्यूनल



जस्टिस पीपी भट्ट ने बताया कि फिलहाल यह योजना बनाई गई है कि महीने में किन्हीं पांच दिन सर्किट बेंच में जज उपलब्ध होंगे। हालांकि अपीलों की संख्या बढ़ने पर दिनों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है। भविष्य में यह पूर्ण बेंच बनाने की भी योजना है।

ट्रिब्यूनल भी लंबित वादों को लेकर चिंतित
इनकम टैक्स अपीलेंट ट्रिब्यूनल को देश की सबसे पुरानी ट्रिब्यूनल माना जाता है। इसके अध्यक्ष जस्टिस पीपी भट्ट भी इसमें लंबित 89 हजार वादों से चिंतित हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में ट्रिब्यूनल में 126 सदस्यों के पद हैं, जिनमें से 41 पद खाली हैं। दिल्ली ट्रिब्यूनल में सबसे ज्यादा करीब 24 हजार वाद लंबित हैं। मुंबई में करीब 16 हजार वाद लंबित हैं। पुणे, अहमदाबाद, बंगलूरू, कोलकाता और चेन्नई की ट्रिब्यूनल में लंबित वाद परेशानी बने हुए हैं। सरकार की ‘विवाद से विश्वास’ योजना आने के बाद यह परेशानी कम होने की उम्मीद है।